गणेश चतुर्थी से नए संसद भवन में बैठेंगे सांसद:18 सितंबर को विशेष सत्र के पहले दिन का कामकाज पुरानी बिल्डिंग में होगा; 19 को शिफ्टिंग

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गणेश चतुर्थी से नए संसद भवन में बैठेंगे सांसद:18 सितंबर को विशेष सत्र के पहले दिन का कामकाज पुरानी बिल्डिंग में होगा; 19 को शिफ्टिंग
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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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PM मोदी ने 28 मई को संसद के नए भवन का इनॉगरेशन किया था। - Dainik Bhaskar

PM मोदी ने 28 मई को संसद के नए भवन का इनॉगरेशन किया था।

केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पहला दिन यानी 18 सितंबर पुराने संसद भवन में कामकाज का आखिरी दिन होगा। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन संसद को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा।

PM मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का इनॉगरेशन किया था। नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने के बाद पुरानी इमारत को ‘म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी’ में बदल दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के तहत नया संसद भवन बनाया गया है। 973 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस बिल्डिंग को 29 महीने में तैयार किया गया है।

28 मई को PM मोदी ने नए संसद में सेंगोल स्थापित किया था
नए संसद के इनॉगरेशन पर तमिलनाडु से आए संतों ने PM मोदी को सेंगोल सौंपा था। इसके बाद PM ने सेंगोल को सदन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया था।

इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी मौजूद थे। इनॉगरेशन प्रोग्राम के दूसरे सेशन में PM ने 75 रुपए का सिक्का जारी किया था।

नए संसद भवन के इनॉगरेशन पर PM मोदी ने सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने सेंगोल को संसद में स्थापित किया था।

नए संसद भवन के इनॉगरेशन पर PM मोदी ने सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया। इसके बाद उन्होंने सेंगोल को संसद में स्थापित किया था।

क्यों बनाई गई नई बिल्डिंग
मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है।

इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई गई है।

4 मंजिला बिल्डिंग, भूकंप का असर नहीं
64 हजार 500 वर्ग मीटर में बना नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है। नया भवन पुराने भवन से 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है।

नए संसद भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसकी डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

संविधान हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी
नई बिल्डिंग की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।

PM नरेंद्र मोदी ने 12 जुलाई 2022 को संसद भवन में बने अशोक स्तंभ का अनावरण किया था।

PM नरेंद्र मोदी ने 12 जुलाई 2022 को संसद भवन में बने अशोक स्तंभ का अनावरण किया था।

पिछले साल राजपथ को मिला था कर्तव्य पथ नाम
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर लंबे सड़क का रिडेवलपमेंट किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 सितंबर को इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने उसी दिन इसका नाम राजपथ से बदलकर कर्तव्य पथ करने का ऐलान किया था।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में 51 मंत्रालय और 10 केंद्रीय सचिवालय सहित उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास भी होंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का सचिवालय भी रहेगा।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में 51 मंत्रालय और 10 केंद्रीय सचिवालय सहित उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास भी होंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का सचिवालय भी रहेगा।

PM आवास भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा
कर्तव्य पथ, संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री का ऑफिस-घर, सेंट्रल सेक्रेटेरियट की बिल्डिंग और वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव भी सेंट्रल विस्टा पावर कॉरिडोर का हिस्सा हैं। इन्हें केंद्र सरकार की एजेंसी CPWD बना रही है।

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सेंट्रल विस्टा के डिजाइनर बिमल पटेल, आज पश्चिम से पूरब तक रीडेवलपमेंट के मास्टर आर्किटेक्ट

आर्किटेक्ट बिमल पटेल CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट हैं। साथ ही डिजाइन फर्म HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यानी MD भी हैं।

आर्किटेक्ट बिमल पटेल CEPT यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट हैं। साथ ही डिजाइन फर्म HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक यानी MD भी हैं।

दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट और पुरी में जगन्नाथ मंदिर की मास्टर प्लानिंग- भारत के कल्चरल और अरबन लैंडस्केप के ये सभी सिंबल्स भले ही देश के अलग-अलग कोनों में स्थित हैं, लेकिन इनके मास्टर आर्किटेक्ट एक ही हैं- बिमल पटेल। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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